Vaishnav Sai Bairagi Samaj APK
APK Version History
- Version
- 3 (3)
- Architecture
- universal
- Release Date
- November 25, 2020
- Requirement
- Android 4.1+
About Radio FM 90s
राग शब्द उतना ही प्राचीन है जितनी यह सृस्टि है | बैराग कोई धर्म जाति सम्प्रदाय या मत नहीं और न ही किसी समुदाय या जाति को बैराग कहा जाता है | बैराग मन की श्रेस्ट अवस्था है जब इंसान अपने आप को अन्दर से समझता है और ब्रहमण्ड के बारे में ज्ञान प्राप्त करता है | और अपने व इस ब्रमाण्ड के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है और अपने व इस ब्रहमण्ड के रिश्ते को पहचानता है बैराग का अर्थ अपने आप में से स्वम को ढूंढ़ना | बैराग मन का आनंद है बैराग आत्मा की परमात्मा में लीन होने की लालसा है बैराग का अर्थ दुनिया से विरक्त होकर जंगलो में पलायन करना नहीं बैराग का अर्थ तो दुनिया में रहकर अपने अंदर अंतरात्मा को ढूढ़ना है, बैराग का अर्थ त्याग है, आत्मा परमात्मा के प्रति बैराग की इस स्थति में इन्सान तीनो शक्तियों से दूर उस एक शक्ति को पहचानने में समर्थ हो जाता है जिस में यह तीनो विलीन होती है बैरागी लोग वह है जो बैरग की धरणी है, एक बैरागी होने का अर्थ यह नहीं है की वह समाज को त्याग दे और जंगलो में रहने लगे | बैरागी लोग सारी सृश्टि को एक जोत परम पिता परमात्मा का रूप मानते है| वह ऊच नीच छूत छात से परे है| बैरागी सम्प्रदाय के संस्थापक स्वामी रामानंद जी कहते है की समाज में ऊच -नीच नहीं है व प्रत्येक इन्सान उस आत्मा का अंश है वह कहते थे की सामाजिक उची जाति के कर्म कण्डी व्यक्ति से एक साधारण व्यक्ति श्रेस्ठ है , जो सभी में परममता को देखता है और ईष्वर को याद करता है वह कहते थे की जो व्यक्ति ईष्वर की शरण में आ जाता है उसके वर्ण आश्रम के बंधन टूट जाते है | बैरागी धारणा को मानते हुए ही स्वामी रामानंद जी ने बैरागी सम्प्रदाय की नीव रखी , जो उनको वैषणव मत के कर्मकांडी गुरु भाइयो से हुई आध्यामिक लड़ाई में से पैदा हुई है इसी धारणा को मानते हुए ही स्वामी रामानंद जी उस समय माने जाते अछूत और पिछड़े लोगो को नाम दान दिया जो परम भगत हुए और इनमे से प्रमुख भगत श्री रविदास जी , भगत कबीर जी , भगत धन्ना जाट ,भगत सदबढ़ जी , भगत साधना जी , और भगत पीपा जी आदि है जिनकी वाण गुरु ग्रन्थ साहब में दर्ज है |
What's New in this version
own profile management updated